विचार

में खरीदार हूँ चलो गम खरीद लेता हूँ 
लाचार की आँखों की शबनम खरीद्लेता हूँ 
बस अब ना कैद हो बुलबुल ऐ एहले चमन 
में ज़ालिम के हाथ की ज़ंजीर खरीद लेता

 ''वाहिद नसीम'''

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