काश के एसा हो

अब जनता तक तो खबर यही पहुंची ना की भण्डार बढ़ा जब भण्डार का रेट मात्र बढ़ा ,,,

अब  जनता तक तो खबर यही पहुंची ना की भण्डार बढ़ा जब भण्डार का रेट मात्र बढ़ा ,,,
पिछले दो साल में भारत सरकार के पास मौजूद सोने का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है। सोने की क़ीमतों में आए ज़ोरदार उछाल तथा नवंबर, 2009 में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से की गई 200 टन सोने की ख़रीद ने भारत सरकार को मालामाल कर दिया है। और मनमोहन सरकार अपनी कमर थप थापा रही है की भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार बढ़ा , अब जनता तक तो खबर यही पहुंची ना की भण्डार बढ़ा जब भण्डार का रेट मात्र बढ़ा ,,, दरअसल अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष से ख़रीदे गए सोने का दाम ही आज तीस हज़ार करोड़ रुपये बढ़ चुका है। जिस समय सरकार ने यह ख़रीद की थी, उस वक़्त सोने का भाव पन्द्रह हज़ार रुपये प्रति दस ग्राम था। आज सोने के भाव लगभग दोगुना हो चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक के पास विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में रखा गया सोना ही इस समय 557.7 टन है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंक के पास रखे गए सोने का मूल्य नवंबर, 2009 में पचास ह॔ज़ार सात सौ अट्ठारह करोड़ रुपये था, जो आज की तारीख में 29,000 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव के हिसाब से एक लाख साठ हज़ार करोड़ रुपये पर पहुँच चुका है।