सरकार

बजट किसान वरोधी है जन विरोधी है 

बजट किसान वरोधी है जन विरोधी है , यह बजट मेरी आशंकाओं के अनुरूप ही है , यह बजट देश को पीछे धकलने का काम ही करेगा इस बजट में आर्थिक महा शक्ति बन्ने की इच्छा शक्ति दूर दूर तक नज़र नहीं आती पर्नव दा का बजट सिर्फ देशी विदेशी कोपेनियो के हित का बजट है , मिसाल के तोर पर फर्टीलाइज़र की आत्म निर्भरता की बात करना सब्सीडी हटाने के संकेत देना ,,, और ऑर्गेनिक फार्मिंग का दूर दूर तक ज़िक्र ना करना किसान विरोधी नहीं तो क्या है , अगर देश में ओरगेनिक खाद बनाने की छोटी यूनिटों को बढ़ावा देने का प्रावधान अगर इस बजट में किया जाता तो १० लाख परिवारों को रोज़गार दिया जा सकता था जिस से co2 कट करने में भी मदद मिलती और भारतीय उत्पाद की मांग विदेशो में भी बढती और देश की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होती ,, किसानो के कर्ज माफ़ करना और बियाज दर में कमी करने से जियादा ज़रूरी था की देश भर में ओर्गेनोक खाद बनाने की यूनिटों को क़र्ज़ देना ताकि सब्सीडी का एहसान किसानो को लेने की ज़रुरत ही ना पड़ती और और हमारे देश के किसानो की आधी कमाई बिदेशी कम्पनियों को जाने से बच जाती ,, मगर यह सब तब मुमकिन था जब कोई इस देश के हित में सोचने वाला होता ,, ज्ञात रहे की गोर्गेनिक खाद से ज़मीन की ताकत और उत्पादन दोनों ही बढ़ते हें और बाज़ार में फसल का भी दुगना दाम मिलता है , सबसे बड़ी बात तो यह है की डाई, यूरिया, और कीट नासक जेसे ज़हर से हानि कारक गेस उत्पन होती है जिस के कारन परियावर्ण को बहुत घटक नुकास हो रहा है, इस पर किसी परियावरण वादी की कोई आवाज़ सुनाई इस लिए नहीं देती की यह सरे उत्पाद विदेशियों के हें जिन से N G O पैसा लेते हें और देहस को धोका देते हें ,, आज हमें यह समझ कर चलना ज़रूरी है की usa europ की निगाहें और निर्भरता इस वक़्त सिर्फ भारतीय बाज़ार पर है और भारत को एक बार फिर लूट कर अपनी उजड़ी हुई दुनिया बसाना चाहता है ,,, सावधान भारत वर्ष गद्दारों को चिन्हित करलो,,फिर दुनिया हमारी है ,, जय हिंद