Saturday, May 30, 2015

विशेषा आशीर्वाद प्राप्त अदानी समूह ऑस्ट्रेलिया में विवादों में घिर गई है।

 भारत में तत्काल प्रधानमंत्री विशेषा आशीर्वाद प्राप्त अदानी समूह ऑस्ट्रेलिया में विवादों में घिर गई है। वहां क्वींसलैंड के मूल निवासियों ने कंपनी की खनन परियोजना के खिलाफ वहां की अदालत का दरवाजा खटखटाया है जिनका कहना हे कि अदानी की कोयला खदान से उनका मूल निवास नष्ट हो जाएगा।
संभव है कि प्रधानमंत्री की और से यह उदहारण पेश किया जासकता की भारत में तो इतने लोगो के जंगली निवास नस्ट किये जा चुके हैं जितनी ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी भी नहीं, देखो फिर भी हम विकास की सीढ़िया कैसे चढ़ते जा रहे हैं।
अब वहां के मूल निवासी कुछ यूँ भी कह रहे हैं कि जिस जगह खुदाई करने की योजना बनाई गई है, वह उनके लिए पवित्र है।
यह उनके लिए आध्यात्मिक महत्व की जगह है। खुदाई करने से उस जगह की पवित्रता तो नष्ट होगी ही, उनके लिए महत्वपूर्ण जगह भी खत्म हो जाएगी। हमारी ओर से जवाब दिया जा सकता है धार्मिक कार्ड हमारे साथ नहीं चलेगा क्यों की हम विश्व में इस खेल के सर्व उत्तम खिलाडी हैं। अब वहां के मूल निवासियों ने इस पूरी परियोजना का विरोध करने का फैसला कर ही लिया है। और इसके लिए उनके नेता अमेरिका और यूरोप भी जाने की धमकी दे रहे हैं।
कैसे बे शर्म हैं ऑस्ट्रलिया के निवासी होते हुए यूरोप और अमेरिका जाने की बात कर रहे हैं  ऐसे लोगो के लिए हमारे पास प्रयाप्त हथियार हैं। मुख्तार नकवी और गिरिराज को तेज गुस्सा आने की संभवना प्रबल हो गई है। अब इन लोगो को देश द्रोह के इलज़ाम में पाकिस्तान भेजा जा सकता है। अब एक और अड़चन भी सरकारी दामाद जी के सामने आगई है।
पर्यावरण के जानकार चिल्लाने लगे है कि कोयला खदान की इस परियोजना से ग्रेट बैरियर रीफ को भी नुकसान पंहुचेगा। हमारे पर्यावरण मंत्रालय के और उद्धरण दिया जाना चाहिए की देखो हमारे यहां १० वर्षों से ऐसे जितने मामले अटके थे हम सब क्लियर कर दिए अगर ठान लें तो करने से कोई रोक नहीं सकता।  मगर एक और धोंस विदेशी वित्तीय संस्थाएं देने लगी हैं एक फ्रांसीसी बैंक ने इस पर्यावरण वाले तर्क को मानते हुए परियोजना को कर्ज नहीं देने का फैसला भी कर लिया है। इस पर हम यह कहते हैं की इस परियोजना को फलीभूत करने के लिए भारितीय बैंक के मैनेजर को ऑस्टर्लिया बुला कर दो घंटे में लोन दिलवाया जा सकता है तो वो योजना क्या विदेशी पैसे की भूखी है। अरे हमने जनधन योजना में जनता से १०० /१०० रूपए जमा करवा कर जो पहले नए अकाउंट ATM पर फ्री बीमा होता था अब ३३० रूपए गरीबों से कहें के लिए ऐंठ रहे हैं। मूर्ख विदेशियों हमारे देश की जनता इतनी समझदार है की देश हित मीडिया के उस हर झूट को दिल से सच मानती है जो हमारी तत्काल सरकार के हितो को ध्यान में रख कर बोला जाये। भले ही हम शाम को ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी से ६ गुणाः लोग हमारे यहाँ भूखे सो जाते हों मगर १२ /१२ रुपये बैंको में जमा कर के सरकारी दामाद जी की पूरी मदद करने में सक्षम हैं। इस लेख को पढ़ कर कई लोग लाल मिर्च पर बेथ सकते हैं। फिर भी देश हित में उनका भी स्वागत है। 

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